1 नवंबर 2024 से भारतीय रेलवे ने टिकट आरक्षण की नई नियमावली की
घोषणा की, जानें पूरी जानकारी
1 नवंबर 2024 से भारतीय रेलवे ने अपनी अग्रिम आरक्षण अवधि (ARP) में बदलाव करते हुए इसे 120 दिन से घटाकर 60 दिन कर दिया है। इस नई व्यवस्था के तहत अब यात्री केवल दो महीने पहले ही अपनी ट्रेन टिकट बुक कर सकेंगे, जबकि पहले यह अवधि चार महीने की थी। इस बदलाव का उद्देश्य बुकिंग प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाना और आखिरी समय पर होने वाले कैंसिलेशन को कम करना है।
120 दिनों से 60 दिनों की अवधि में बदलाव क्यों?
भारतीय रेलवे की इस नई 60-दिवसीय आरक्षण अवधि का उद्देश्य एक अधिक लचीली और जरूरत के अनुरूप बुकिंग प्रणाली तैयार करना है। इस बदलाव से यात्रियों को अधिक सुविधा मिलेगी, खासकर उन लोगों के लिए जो आखिरी समय पर यात्रा योजना बनाते हैं। साथ ही, इस कदम से लंबी अवधि के कारण टिकट की जमाखोरी जैसी समस्याओं को कम करने में भी मदद मिलेगी, जिससे अधिक पारदर्शिता और सरलता सुनिश्चित हो सकेगी।
नए बुकिंग नियमों के मुख्य बिंदु
संशोधित नियमों के अंतर्गत:
- 1 नवंबर से पहले बुक किए गए टिकटों पर यह नया नियम लागू नहीं होगा, और यात्री जरूरत पड़ने पर सामान्य प्रक्रिया के अनुसार इन्हें कैंसिल भी कर सकते हैं।
- "ताज एक्सप्रेस" और "गोमती एक्सप्रेस" जैसी कुछ विशेष दिन की एक्सप्रेस ट्रेनों पर बुकिंग नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया है, और इनके लिए छोटा आरक्षण समय पहले की तरह ही बना रहेगा।
- विदेशी पर्यटकों के लिए 365 दिन पहले तक टिकट बुकिंग की अनुमति भी इन नए नियमों से अप्रभावित रहेगी।
बुकिंग अवधि में यह 12वीं बार बदलाव
1981 से लेकर अब तक अग्रिम आरक्षण अवधि में 12 बार बदलाव किए गए हैं। पिछले कुछ वर्षों में यह अवधि अलग-अलग रही है और अप्रैल 2015 में इसे 120 दिनों तक बढ़ाया गया था। अब, 60 दिनों की नई आरक्षण अवधि यात्रियों की आवश्यकताओं और रेलवे नेटवर्क की संचालन संबंधी मांगों के साथ बेहतर तालमेल बिठाने के लिए लागू की गई है।
सीट आवंटन में AI तकनीक का इस्तेमाल
इन बुकिंग बदलावों के साथ ही भारतीय रेलवे ने सीट आवंटन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग भी शुरू कर दिया है। यह AI आधारित प्रणाली चार्ट बनने से लगभग चार घंटे पहले आरक्षण डेटा का विश्लेषण करती है और खाली सीटों की पहचान करती है, जिससे प्रतीक्षा सूची में बैठे यात्रियों को अधिक प्रभावी ढंग से सीट आवंटित की जा सके। इस स्वचालित प्रक्रिया से यात्रियों को बेहतर अनुभव मिलेगा और सीटें भी तेजी से आवंटित होंगी।
भारतीय रेलवे के ये नए टिकट बुकिंग नियम और तकनीकी सुधार संगठन की दक्षता और यात्री संतुष्टि को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं।
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